सर्जिकल स्ट्राइक का सियासी फायदा उठाना ठीक नहीं : ले.ज. हुड्डा

दो साल पहले भारतीय सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद हुए कथित सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार-प्रसार पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने सवाल उठाए हैं. पूर्व सेना अधिकारी ने कहा कि सेना की सफलता पर खुशी स्वाभाविक है, लेकिन इसका लगातार प्रचार-प्रसार अनुचित है. वह सात दिसम्बर को सैन्य साहित्य महोत्सव 2018 में सेना के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. हुड्डा सर्जिकल स्ट्राइक अभियानों के अहम हिस्सा रहे हैं.
Two years after surgical strikes were carried out by the Indian Army across the Line of Control (LoC), Lt Gen (retd) D S Hooda on Friday opined that the hype associated with the surgical strike was not needed
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— ANI Digital (@ani_digital) December 8, 2018
‘सीमा पार अभियानों और सर्जिकल स्ट्राइक की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी हुड्डा ने सेना को राजनीतिकरण से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी. सैन्य अभियान जरूरी था और हमने ऐसा किया. लेकिन इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है… बेहतर होता यदि ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी गोपनीय रखी जाती.”
General (retired) D S Hooda: I do think there was too much hype over it (surgical strike). The strike was important & we had to do it. Now how much should it have been politicised, whether it was right or wrong is something that should be asked to the politicians. (7.12) pic.twitter.com/8v0QJ1tzK5
— ANI (@ANI) December 8, 2018
18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला हुआ था. इस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए थे. इसके बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के कई लॉन्च पैड्स ध्वस्त कर दिए थे. सरकार की ओर से इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया गया था.
Army Chief on General (retired)DS Hooda's remark 'I think there was too much hype over surgical strike': These are individual person's perceptions so let's not comment on them.He was one of the main persons involved in conduct of these operations so I respect his words very much. pic.twitter.com/LSPWiZomQp
— ANI (@ANI) December 8, 2018
डीएस हुड्डा का बयान आने के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि यह एक व्यक्ति का नजरिया हो सकता है इसलिए वह इसपर कुछ नहीं बोलना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि हुड्डा इन अभियानों के अहम हिस्सा रहे हैं इसलिए मैं उनके शब्दों का सम्मान करता हूं.